दिनेश पाठक लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नम्बर सात के सामने मुख्य सडक पर एक गड्ढा बीचोबीच एक तेज मोड़ पर है| इस पर मेरा ध्यान रोज ही जाता है| हमारे सिस्टम ने इसे कई बार भरा लेकिन ये मुआँ फिर अपनी औकात दिखाकर सिस्टम को चिढ़ाने लगता …
Read More »कुबूलनामा
लखनऊ का वो एनकाउंटर और सीएम मायावती
दिनेश पाठक बात 1995 की है। बसपा प्रमुख मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। पहला मौका था, जब उन्होंने तब के आईजी जोन इलाहाबाद रहे हाकम सिंह को समीक्षा के दौरान निलंबित कर दिया था। यह सूचना पुलिस महकमे में दहशत लेकर आई थी। किसी आईजी का इस तरह का …
Read More »पूत के पाँव…पालने में
अभी जुमा जुमा, आठ दिन! दिनेश की यह दूसरी किताब है टोटल। मगर इन आठ दिनों में ही व्यंग्य के कितने सोपान लांघ गए। धार और मीठी-मीठी चुभन कितनी पैनी कर डाली…इलाही तौबा! इनकी पहली किताब मैंने पढ़ी थी, तभी लगा था कि हाँ, कुछ बात है। यह सिपाही भी …
Read More »मेरी पाकिस्तान यात्रा और इमरान से मुलाकात
दिनेश पाठक कश्मीर से अनुच्छेद 370 की रवानगी के बाद मन में आया कि पाकिस्तान हो आया जाए। सो, मैं चला गया। लाहौर, करांची घूमने के बाद अपने पाकिस्तानी दोस्त प्रधानमंत्री ज़नाब इमरान खान साहब से मुलाकात करने की दिली तमन्ना जागी। उनसे अपनी एक बार की मुलाकात थी| वे …
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