टीना को कॉलेज में लगभग दो वर्ष पूरे करने के साथ ही अपने ग्रुप की हीरो बन चुकी है| क्या फैकल्टी, क्या सीनियर्स, सब उसके मुरीद हैं| कॉलेज में कोई आयोजन हो, टीना की महत्वपूर्ण भूमिका हो, ऐसा हो ही नहीं सकता| पढ़ाई और रिजल्ट को लेकर टीना आश्वस्त है| उसे भरोसा है कि वह बहुत अच्छा करेगी| पढ़ाई पूरी करते ही इंडिया लौटेगी और पापा के बिजनेस में हाथ बंटाएगी|
उधर, मनीष से उसके रिश्ते और प्रगाढ़ हो चुके हैं| अब वह हर छुट्टी मनीष के घर गुजारती है| कभी वह भूलने की कोशिश भी करें तो भगनानी अंकल-आंटी नहीं भूलने देते| मनीष तो खैर चाहता ही है कि ज्यादा से ज्यादा समय दोनों साथ गुजारें| हाँ, लगभग दो वर्ष के लंदन प्रवास के बाद मनीष-टीना अब एक-दूसरे के बारे में अच्छा सोचने लगे हैं| एक दिन दोनों टेम्स के किनारे बैठे-बैठे एक-दूसरे से अपने दिल का हाल कह बैठे| सबसे पहले शुरुआत मनीष ने की और फिर उसे पूरा किया टीना ने लेकिन गजब की कश्म-कश चल रही है दोनों के मन में| उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं है कि उनके मम्मी-पापा शादी का फैसला कर चुके हैं| उधर, ये दोनों अब टेंशन में हैं कि मम्मी-पापा से कैसे बताएं, कि दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं| इनके मन में अजब-गजब ख्याल आ रहे हैं| टीना ने सुझाव दिया कि अभी इस मसले पर बात नहीं करते हैं| क्योंकि अगर कोई बखेड़ा हुआ तो पढ़ाई बाधित होगी और मैं ऐसा नहीं चाहती| मिलने-जुलने पर पाबंदी भी लग सकती है| ऐसा भी संभव है कि दोनों परिवारों के बीच दूरियां बढ़ जाएँ| तुम्हारे घर आना-जाना बंद हो जाए| दोनों की भलाई इसी में है कि हम इस मसले पर चुप रहें और अपनी-अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें| मनीष ने भी टीना की बात का समर्थन किया और दोनों ख़ुशी-ख़ुशी उठकर घर की ओर चल पड़े|
टीना के पापा ने भगनानी के साथ बिजनेस करने के फैसले को थोड़ा आगे बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं| कुछ फंड भी उन्होंने जुटा लिया है और इसकी सूचना भगनानी को भी दे दी है| जल्दी ही दोनों मिलने वाले हैं| यह जानकारी पाकर भगनानी बहुत खुश हुए| उन्होंने सपरिवार दीवाली इंडिया में मनाने का फैसला कर लिया लेकिन इसकी जानकारी अरोरा को नहीं दी| पति-पत्नी ने आपस में बातचीत करके पूरा प्लान बनाया और मनीष-टीना को भनक तक नहीं लगने दी| तय हुआ कि दोनों को चलने के दो-तीन दिन पहले बताएँगे| हुआ भी वही| संडे का दिन था| टीना हास्टल से आई हुई थी घर| तब भगनानी आंटी ने उसे जानकारी दी कि यह दीवाली हम सब एक साथ मनाएंगे| टीना ने झट जवाब दिया-हाँ, आंटी बिल्कुल| अब मैं कहाँ आपको छोड़ने वाली हूँ| दीवाली यहीं मना रही हूँ मैं| क्योंकि पापा को मैंने इस बार मना किया है दीवाली पर टिकट भेजने को| तुमने बढ़िया किया-भगनानी आंटी ने कहा| हम सब यह दीवाली इंडिया में मनाएंगे, वह भी तुम्हारे घर लेकिन तुम किसी को बताओगी नहीं| पापा-मम्मी को भी नहीं| अभी हम मनीष को भी नहीं बताए हैं| टीना बोली-आंटी बहुत कठिन काम दिया आपने| इतनी बड़ी जानकारी मैं भला मम्मी-पापा से छिपा पाऊँगी, मुझे शक है| दीवाली को लेकर मैं मनीष के साथ यहीं बहुत सारी चीजें प्लान कर ली हैं| सब चौपट हो जाएगा|
भगनानी आंटी ने कहा-मनीष भी हमारे साथ चलेगा| सरप्राइज केवल अरोरा भाई साहब और भाभी जी के लिए है| हम उन्हें ख़ुशी देना चाहते हैं| बता देंगे तो भी वे सब खुश होंगे लेकिन वह बात नहीं रहेगी, जो अचानक दरवाजे पर पहुँचने से होगी| इसलिए चिल करो और भूल जाओ कि मैंने तुमसे कुछ कहा भी है| टीना ने कहा-आंटी, माँ दुर्गा मेरी रक्षा करें| मेरे पेट में यह बात कितनी देर पचेगी, मुझे भी नहीं पता| हाँ, मैं प्रयास करूंगी कि यह इम्तहान पास कर लूँ| हाँ-हाँ, चलो अब कुछ खाने की तैयारी करते हैं| अंकल आने वाले हैं| दोनों किचेन की ओर बढ़ते हैं| तब तक मनीष आ जाता है| इशारों-इशारों में मनीष टीना को बुला लेता है और दोनों बालकनी में बैठ जाते हैं| जैसे ही टीना मनीष को इंडिया जाने की जानकारी देती है तो दोनों बहुत खुश हो जाते हैं| उन्हें लगता है कि अब दोनों की बात बनने वाली है| अचानक इंडिया की यह तैयारी हम दोनों की शादी के कारण ही हो रही होगी लेकिन देखना होगा आगे क्या होता है? अभी हम खुश तो नहीं हो सकते| संभव है कि बिजनेस ट्रिप हो, जैसा पापा ने अंकल को प्रस्ताव दिया था| टीना ने कहा-जो भी हो, हम दोनों का तो फायदा ही है लेकिन अब हमारे और सावधान होने का वक्त है| किसी भी सूरत में अंकल-आंटी को पता नहीं लगना चाहिए कि हम एक-दूसरे के बारे में क्या सोचते हैं? कोई पूछे भी न तो दोनों एक-दूसरे की बुराई करें|
इस तरह यह कहानी अब रोचक मोड़ पर पहुँचती हुई दिख रही है| भगनानी का प्लान चुपचाप बन रहा है तो अरोरा ने भी पूरा प्लान साझा नहीं किया है| मनीष-टीना का प्लान भी गुपचुप ही है| देखना बहुत रोचक होगा कि दोनों परिवारों का रिश्ता चाहे बिजनेस का हो या टीना-मनीष की शादी का, किस करवट बैठता है| हाँ, यह बात तय है कि टीना के लंदन जाने से भगनानी-अरोरा परिवार के बीच की दूरियाँ बरबस कम हो चली हैं| उम्मीद की जानी चाहिए कि सब अच्छा होगा| इन्तजार करते हैं इनके अगले कदम का| उधर, भगनानी आंटी की आवाज सुनकर टीना उनकी ओर भागी| क्योंकि उन्होंने गरमा-गरम पकौड़ियाँ तैयार कर चुकी थीं| मनीष भी तनिक देर में पहुँचता है और सब मिलकर चाय-पकौड़े का आनन्द लेते हैं|