My objective is to accomplish the pinnacle of success and to be in a commensurate position where my erudite dexterity and technical acumen can be best utilized in proliferating the name and fame of my organization.
I am extrovert, warm, friendly and gregarious by nature and I just love a work environment where you have to interact with people all the time. My rich 25-year work experience has made me multi-dimensional, one who can tackle all kinds of problems with equal ease and aplomb.
CURRENT ROLE
PREVIOUS EXPERIENCE
- Founder Editor of Live Today DTH channel & website.
- Consulted with www.namaste.in, www.puridunia.com,
www.hindnews24x7.com and www.indianletter.com from 1 July 2015 to present day - Hindustan (Hindi Daily) from 1st September 1996 to 30th June 2015 where I
worked in varied capacities:- Resident Editor (Gorakhpur)
- Resident Editor (Kanpur)
- Resident Editor (Dehradun)
- Deputy Resident Editor/ Editorial Head (Agra)
- News Editor/ Editorial Head (Allahabad)
- City Editor (Lucknow)
- Chief Reporter (Lucknow)
- Senior Reporter (Lucknow)Staff Reporter (Faizabad/Lucknow)
- Rashtriya Sahara from 1992 to 1996
- Chief Reporter (Lucknow)
- Staff Reporter (Lucknow).
ACADEMIC QUALIFICATIONS
- Master of Arts in Mass Communication
- LL. B. (Bachelor of Laws)
मेरी कहानी शीशे की तरह साफ़ है| किसान परिवार से हूँ| पिता का साया बचपन में ही उठ गया| सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढाई की| मुश्किलें आईं पर, उनका सामना किया और एमए, एलएलबी तक की शैक्षिक यात्रा पूरी की|
पत्रकारिता में कदम रखा और जल्दी ही हिंदुस्तान अखबार का सम्पादक बन गया| पांच केन्द्रों इलाहाबाद, आगरा, देहरादून, कानपुर, गोरखपुर में सेवा दी| इससे पूर्व लखनऊ में ही अखबार के लगभग सभी पदों पर काम करते हुए आगे बढ़ा| राष्ट्रीय सहारा अखबार से करियर की शुरुआत हुई|
उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जिले के सिंघोरवा गाँव में श्रीमान त्रिलोकी नाथ पाठक और श्रीमती विद्यावती के घर जन्म हुआ| छह भाई, बहनों में सबसे छोटा था तो प्यार खूब मिला और ठोंकाई भी खूब हुई| हाईस्कूल तक की पढ़ाई गाँव और आसपास हुई| इंटर बस्ती जिले के मुंडेरवा कस्बे से किया| स्नातक और विधि स्नातक की पढ़ाई अयोध्या से हुई| एमए बाद में उत्तराखंड ओपेन विश्वविद्यालय से किया|
पढाई, सिखाई अभी भी जारी है| पत्रकारिता मेरा पेशा है लेकिन देश की भावी पीढ़ी मेरे दिल में बसती है| पैरेंट्स, स्टूडेंट्स और टीचर्स की मदद के इरादे से 18 वर्ष पहले एक वेबसाइट बनाई जो धनाभाव में चल नहीं पाई| लेकिन अखबार में इस विषय पर खूब लिखा| इतना कि रेडियो, टीवी पर जगह मिलने लगी| स्कूल/कॉलेज के जरिए अपनी बात पैरेंट्स, स्टूडेंट्स तक पहुँचाने लगा| बाद में ये लेख किताब बने|
पैरेंटिंग पर अब तक चार किताबें हैं| व्यंग्य और डिजिटल मीडिया पर दो और किताबें छपने को तैयार हैं| इन्हीं से एक किताब ‘बस थोड़ा सा, पर दूरदर्शन उत्तर प्रदेश ने सीरियल बनाए हैं| अब अपना लक्ष्य है भावी पीढ़ी के लिए लिखना, पढ़ना, और ढेर सारी बातें करना | दो बेटे उदित, सूर्यांश, पत्नी उर्विजा और मैं, यही परिवार है| ये तीनों मेरे जीवन का अहम हिस्सा हैं|
यहीं से मिलने वाली रौशनी की वजह से पूरी दुनिया मुझे घर लगती है और लोग अपने| खास तौर से बच्चे और युवा| दुनिया इन्हीं के कन्धों पर जाने वाली है, इसलिए इन्हें मजबूत बनाए जाने के इरादे से मैं खुद को रेत के अंश की तरह पाता हूँ और कहीं भी जुड़ने को बेताब हूँ| आगे का पूरा जीवन इसी पीढ़ी को देने का इरादा है| समर्थन भी समाज का मिल रहा है| उम्मीद करता हूँ कि अच्छा ही होगा |